एक कदम और
एक छोटा सा गांव था, जहां रहता था एक लड़का, नाम था उसका विजय। विजय बहुत मेहनती था, परंतु उसके पास पढ़ाई के लिए कोई साधन नहीं थे। गांव में स्कूल तो था, लेकिन किताबें खरीदने के पैसे नहीं थे। विजय ने हार नहीं मानी। उसने गांव के बड़े-बड़ों से किताबें उधार मांगी और रात-दिन पढ़ाई में लगा रहा।
दिन भर वह खेतों में काम करता था और शाम को पढ़ाई करता था। गांव में बिजली नहीं थी, इसलिए वह मिट्टी के तेल के दीपक की रोशनी में किताबें पढ़ता था। उसकी मेहनत रंग लाई। वह गांव का सबसे होशियार छात्र बन गया।
लेकिन गांव में उच्च शिक्षा के लिए कोई सुविधा नहीं थी। विजय ने हार नहीं मानी। उसने पैदल ही शहर जाने का फैसला किया। सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर वह शहर पहुंचा। वहां उसने बहुत मेहनत की और अंततः एक बड़े कॉलेज में दाखिला ले लिया।
शहर में रहना आसान नहीं था। उसे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लेकिन विजय ने हिम्मत नहीं हारी। उसने नौकरी भी की और पढ़ाई भी जारी रखी। अंततः उसने अपनी शिक्षा पूरी की और एक सफल इंजीनियर बन गया।
विजय की कहानी हमें सिखाती है कि सफलता के लिए मेहनत और लगन बहुत जरूरी है। मुश्किलें आती हैं, लेकिन हमें हार नहीं माननी चाहिए। एक कदम और बढ़ाते रहना चाहिए, सफलता जरूर मिलेगी।